बचपन से हम खून में जोश भर देने वाला गीत
"कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा"
सुनते आए हैं। जिसमे देश के लिए कदम कदम आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। पर आज हम क्या देख रहे है एक नाबालिक सरेआम शांतिपूर्वक भीड़ पर तमंचा तान कर हंगामा करता है। अगर आप इस आरोपी के वीडियो में कदम देखेंगे तो पाएंगे कि कैसे ये ऊपर लिखे गीत के उलट कदम ताल तमंचे के साथ पीछे की तरफ कर रहा था। आज की राजनीति नवयुवकों को यही ज्ञान दे रही हैं, कल एक BJP मंत्री ने गोली मारने को कहा, आज ये सिरफिरा गोली चलाने आ गया । आज 30 जनवरी के दिन ही महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे नाम के एक सिरफिरे ने की थी। और आज ही एक गोडसे पैदा हो गया। इस तरह मोदी साम्राज्य में एक और असामाजिकता का तमगा लग गया। पुरानी लोकोक्ति है कि 'आप जो बोते हो वही काटते हो।'
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