Thursday 23 January 2020

लोकतंत्र के पैमाने पर भारत का सूचकांक 10 पायदान गिरकर 51वें स्‍थान पर, मुख्य वजह 'नागरिक स्वतंत्रता में कमी'


पूरी दुनिया में भारत की पहचान का अगर कोई ब्रांड अंबेसडर है तो वह भारत का लोकतंत्र है| लोकतंत्र हमारी पहचान का परचम रहा है| दमखम रहा है| दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रास्ते में चुनौतियां आईं हैं मगर यहां के लोग जो कभी स्कूल नहीं गए, जिन्हें कभी सिस्टम से कुछ नहीं मिला, जो हर तरह की तकलीफ में रहे हैं, वैसे लोगों ने भी लोकतंत्र के झंडे को नीचे नहीं झुकने दिया है| 1947 में हम एक ग़रीब मुल्क के रूप में आज़ाद हुए| जब बंटवारे के कारण लाखों लोग एक दूसरे के ख़ून के प्यासे हो गए तब भी संविधान सभा के हमारे बुज़ुर्ग सोच समझ कर संवाद करते हुए संविधान की रचना कर रहे थे| हम बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं थे जब 1950 में संविधान लागू किया| हम कोई सुपर पावर नहीं थे जब 1951 में पहला चुनाव हुआ| आपातकाल आया तो हर ग़रीब लोकतंत्र के लिए लड़ गया | जेलें भर गईं, उस लड़ाई के नाम पर| अपनी राजनीति बनाने वालों के दौर में भारत का लोकतंत्र डेमोक्रेसी इंडेक्स यानी लोकतंत्र के सूचकांक पर 10 अंक नीचे गिर गया है |


यह सूचकांक पांच श्रेणियों पर आधारित है- चुनाव प्रक्रिया और बहुलतावाद, सरकार का कामकाज, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति और नागरिक स्वतंत्रता|

द इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट (ईआईयू) द्वारा 2019 के लिये लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 स्थान लुढ़क कर 51वें स्थान पर आ गया है| संस्था ने इस गिरावट की मुख्य वजह देश में 'नागरिक स्वतंत्रता में कमी' बताई है| सूची के मुताबिक भारत का कुल अंक 2018 में 7.23 था जो अब घटकर 6.90 रह गया है| यह वैश्विक सूची 165 स्वतंत्र देशों और दो क्षेत्रों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का एक खाका पेश करती है| रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया कि यह लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक रैंकिंग में 10 स्थान गिरकर अभी 51वें पायदान पर है. लोकतांत्रिक सूची में यह गिरावट देश में नागरिक स्वतंत्रता के ह्रास के कारण आई है|

यह सूचकांक पांच श्रेणियों पर आधारित है- चुनाव प्रक्रिया और बहुलतावाद, सरकार का कामकाज, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति और नागरिक स्वतंत्रता. इनके कुल अंकों के आधार पर देशों को चार प्रकार के शासन में वर्गीकृत किया जाता है- “पूर्ण लोकतंत्र” (8 से ज्यादा अंक हासिल करने वाले), त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र (6 से ज्यादा लेकिन 8 या 8 से कम अंक वाले), संकर शासन (4 से ज्यादा लेकिन 6 या 6 से कम अंक हासिल करने वाले) और सत्तावादी शासन (4 या उससे कम अंक वाले)| भारत को ‘त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र' में शामिल किया गया है|

इस बीच चीन 2019 में गिरकर 2.26 अंकों के साथ अब 153वें पायदान पर है| यह वैश्विक रैंकिंग में निचले पायदान के करीब है| उभरती हुई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं में ब्राजील 6.86 अंक के साथ 52वें पायदान पर है, रूस 3.11 अंक के साथ सूची में 134वें स्थान पर है. इस बीच पाकिस्तान कुल 4.25 अंकों के साथ सूची में 108वें स्थान पर है, श्रीलंका 6.27 अंकों के साथ 69वें और बांग्लादेश 5.88 अंकों के साथ 80वें स्थान पर है| नॉर्वे इस सूची में शीर्ष पर है जबकि उत्तर कोरिया 167वें स्थान के साथ सबसे नीचे है|

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