तूफ़ान के हालात है ना किसी सफर में रहो...
पंछियों से है गुज़ारिश अपने घर में रहो...
ईद के चाँद हो अपने ही घरवालो के लिए...
ये उनकी खुशकिस्मती है उनकी नज़र में रहो...
माना बंजारों की तरह घूमे हो डगर डगर...
वक़्त का तक़ाज़ा है अपने ही घर में रहो...
तुम ने खाक़ छानी है हर गली चौबारे की...
थोड़े दिन की तो बात है अपने घर में रहो...
माना कि एजेंट हो बहुत काम है तुम्हें
फिर जोर शोर से लगेंगे, अभी सेफ तो रहो...
घर परिवार सुरक्षा आज सिर्फ अपने की
ओरो के लिए करंगे- लगेंगे , अगर जिंदगी रही...
घर मे रहे- सुरक्षित रहें
धन्यवाद...
पंछियों से है गुज़ारिश अपने घर में रहो...
ईद के चाँद हो अपने ही घरवालो के लिए...
ये उनकी खुशकिस्मती है उनकी नज़र में रहो...
माना बंजारों की तरह घूमे हो डगर डगर...
वक़्त का तक़ाज़ा है अपने ही घर में रहो...
तुम ने खाक़ छानी है हर गली चौबारे की...
थोड़े दिन की तो बात है अपने घर में रहो...
माना कि एजेंट हो बहुत काम है तुम्हें
फिर जोर शोर से लगेंगे, अभी सेफ तो रहो...
घर परिवार सुरक्षा आज सिर्फ अपने की
ओरो के लिए करंगे- लगेंगे , अगर जिंदगी रही...
घर मे रहे- सुरक्षित रहें
धन्यवाद...